The best Side of parad shivling price
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नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करने की विधि:
Based on Pandit Arvindkumar Shastri, he is serving this temple considering that he was 10 many years previous. This can be the only Shivling on this planet weighing 2351 kg. It really is perfectly-recognised the two nationally and internationally Due to this. Beneath the 600 kilogram mercury, There's a brass element about the 1751 kg mercury Shivling.
We constantly tell to becareful when handling Shiv Parad Shivlingam in your own home for just one key detail that if it is available in connection with gold or gold plated ornament, Parad shivling have the ability to change the color of gold into white or silver in color.
Solidified mercury, sometimes called Parad beads or balls, is worn being a locket or for a neck decoration to push back evil eye.
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करते हुए शालिग्राम को पंचामृत से स्नान करवाएं।
शिवपुराण के अनुसार पारा धातु को भगवान शिव का वीर्य कहा गया है
नवदुर्गा कवच अति पवित्र और बहुमूल्य है। इसे ख़ास नैनो तकनीक के माध्यम से आधुनिक रूप में तैयार किया गया है। इस कवच में माँ नवदुर्गा की भव्य प्रतिमा है। माँ भगवती से संबंधित मंत्रों के माध्यम से इसे सक्रिय किया गया है। वैसे तो नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ नवदुर्गा के नौ रुपों की आराधना होती है। लेकिन आप इस नवदुर्गा कवच के माध्यम से हर समय माँ के नौ रुपों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस कवच के मध्य में हाई डेफिनिशन लेंस द्वारा नव दुर्गा की नौ शक्तियों का स्वरूप देखा जा सकता है। यह कवच किसी भी प्रकार की बुरी ताक़त से बचाव करता है। जो कोई parad shivling व्यक्ति इस यंत्र को धारण करता है वह निडर भाव से हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम होता है। साथ ही उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे एकाग्रता शक्ति भी बढ़ती है और रोगों, दुखों, दरिद्रता एवं भय से मुक्ति मिलती है।
You will find differing kinds of impurities from the naturally occurring Parad, Should the Parad Shivling is ready without having performing 8 sanskar (अष्ट संस्कार ) by the strategy explained within the scriptures, then it won't be suitable for worship and use.
Ans. The Shivling is worshipped as being a strong symbol of divine Strength and cosmic consciousness. Devotees believe that by offering prayers and accomplishing rituals to the Shivling, they could invoke the blessings of Lord Shiva for spiritual upliftment, security, and liberation within the cycle of birth and Dying.
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उसे अकाल मृत्यु, रोग ,दरिद्रस्ता जैसे समस्त दुखो से मुक्ती मिल जाएगी, और उसके मान-सम्मान, यश ,धन एवं एश्वर्य में वृद्धि होगी
पारद को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है और ब्रह्माण्ड को जन्म देने वाले उनके वीर्य का प्रतीक भी इसे माना जाता है। धातुओं में अगर पारद को शिव का स्वरूप माना गया है तो ताम्र को माँ पार्वती का स्वरूप। इन दोनों के समन्वय से शिव और शक्ति का सशक्त रूप उभर कर सामने आ जाता है। ठोस पारद के साथ ताम्र को जब उच्च तापमान पर गर्म करते हैं तो ताम्र का रंग स्वर्णमय हो जाता है। इसीलिए ऐसे शिवलिंग को सुवर्ण रसलिंग भी कहते हैं।
यदि असली पारद शिवलिंग को हथेली पर घिसा जाए तो इसमें से कालिख नहीं निकलती है।
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